नवोदय विद्यालय का भवन निर्माण अधर में, भूमि की बाधा दूर हुई तो अब बैकफुट पर निर्माण एजेंसी

सिंगरौली: (मध्य प्रदेश) कई वर्षों के जद्दोजहद के बाद यहां नवोदय विद्यालय का संचालन तो शुरू हो गया, लेकिन विद्यालय भवन निर्माण का शुभ मुहूर्त नहीं बन पा रहा है। भवन निर्माण के लिए ठेका कंपनी तय होने के बाद भूमि विवाद में मामला तीन वर्षों तक अटका रहा। अब जब भूमि विवाद का निराकरण हो गया है तो ठेका कंपनी निर्माण कार्य शुरू करने से हाथ खड़ा रही है। ठेका कंपनी तीन वर्षों में निर्माण सामग्री की कीमत में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए रेट रिवाइज करने की मांग कर रही है।
नवोदय विद्यालय के लिए जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर रंपा में जमीन का आवंटन किया गया था। आवंटित शासकीय जमीन के बीच निजी स्वामित्व की भूमि होने के चलते ठेका कंपनी एचएससीएल द्वारा निर्माण कार्य शुरू करना संभव नहीं हो सका। पूरे तीन वर्ष तक चली न्यायालयीन प्रक्रिया में भूमि का विवाद खत्म हो गया। निजी स्वामित्व की जमीन भी विद्यालय को दे दी गई और भूमि स्वामी को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। भूमि विवाद खत्म होने के बाद अब निर्माण एजेंसी कार्य शुरू करने को तैयार नहीं है।
19 करोड़ का बजट भवन निर्माण के लिए स्वीकृत
करीब चार वर्ष पहले एचएससीएल को 19 करोड़ रुपए में विद्यालय भवन का निर्माण करने के लिए ठेका दिया गया था। रंपा में 8.1 हेक्टेयर आवंटित जमीन में विद्यालय के लिए प्रशासनिक भवन के साथ 14 कक्षाओं वाला भवन बनाना है। इनमें प्राचार्य व उप प्राचार्य कक्ष के अलावा कार्यालय हाल, स्टॉफ रूम, पुस्तकालय हाल व 5 प्रयोगशाला साथ 190 सीटर एक बालक व 98 सीटर एक बालिका छात्रावास बनाया जाना है। फिलहाल पूर्व में स्वीकृत बजट में ठेका कंपनी इतना कार्य करने को तैयार नहीं है। दावा है कि तीन वर्षों में निर्माण सामग्री की कीमत में बढ़ोतरी हो गई है। कंपनी द्वारा रेट रिवाइज करने के लिए आवेदन किया गया है।
इस वर्ष 40 बच्चे कम हो जाएंगे, लेंगे प्रवेश
वर्तमान में विद्यालय पचौर में स्थित आइटीआइ के छात्रावास में संचालित हो रहा है। वहां अधिकतम 100 छात्रों की कक्षा लगाने का इंतजाम है। जबकि वर्तमान में विद्यालय में छात्रों की संख्या दो गुना है। यही वजह रहा है कि पिछले दो वर्ष से यहां की सीट पर सीधी नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया जाता रहा है। इससे सीधी विद्यालय को भी 40 सीट का नुकसान हो रहा है। फिलहाल इव बार कक्षा दसवीं के छात्र परीक्षा देकर निकल जाएंगे तो यहां 40 सीट के लिए स्थान रिक्त हो जाएगा। यही वजह है कि नए शैक्षणिक सत्र में कक्षा छठवीं में 40 सीट पर प्रवेश लिया जाएगा। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।

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